सगालिया गांव में भील समाज की ओर से अष्टमी उद्यापन कार्यक्रम आयोजित
शिवगंज। पूर्व विधायक संयम लोढा ने कहा कि भील समाज का भारत देश व सनातन संस्कृति पर बहुत बडा उपकार है। जिस समय भगवान श्रीरामचंद्र वनवास पर गए, तब खाने के लिए फल ही होते थे, लेकिन भगवान रामचंद्र कोई जहरीला फल नही खा ले इसलिए शबरी माता ने एक एक फल खुद चखकर जीवन की परवाह किए बिना फल भगवान रामचंद्र को खिलाया। ऐसी भक्त महिला का जन्म भील समाज में हुआ था। लोढा सगालिया शिवगंज में भील समाज की ओर से आयोजित अष्टमी उद्यापन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
लोढा ने कहा कि हम सभी हल्दी घाटी के युद्व की चर्चा तो करते है लेकिन हल्दी घाटी के युद्व में जब वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप घायल हो गए तो पीछे राणा पूंंजा व हकीम खान सूरी ने ही मुगलों से लडाई लडी। उस राणा पूंजा का जन्म भी भील समाज में हुआ था।
पूर्व विधायक ने कहा कि पहले तलवार से लडाई लडी जाती थी, अब समय बदल गया है अब कलम पकडने का जमाना है। मैंने भील समाज को सिरोही व रेवदर में छात्रावास के लिए भूमि दिलाई। समाज को यह समझने की जरूरत है कि आने वाला समय शिक्षा का है। सिरोही व शिवगंज दोनों जगह उन्होंने अनुसूचित जनजाति की बालिकाओं के लिए छात्रावास बनवाए है, लेकिन भील समाज बालिका शिक्षा में पिछड रहा है। मेरा सभी से आग्रह है कि बालिकाओं को अधिक से अधिक शिक्षा दिलाए। लोढा ने कहा कि एक बालिका के पढने से पूरा परिवार शिक्षित होता है। आपका और मेरा संबंध कई दशकों से है और मैं आगे भी समाज के हर सुख दुख में खडा रहूंगा। इस दौरान समाज के लोगो ने लोढा का ढोल नगाडो व फूल मालाओं से स्वागत सत्कार किया। इस अवसर छोगाराम भील, कछुआराम भील, छगनलाल भील, नारायण भील, राजू राणा व पूर्व सेवादल जिला अध्यक्ष कुशल सिंह देवडा मौजूद रहे।