*सुमेरपुर* सुमेरपुर उपखंड क्षेत्र के साण्डेराव कस्बे में अम्बिका मंदिर परिसर में शुक्रवार को श्री मेवाड़ा क्षत्रिय कलाल समाज के आराध्य देव भगवान श्री सहस्त्रा बाहु अर्जुन की जयंती श्रद्धा व उमंग के साथ हर्षोल्लास पूर्वक मनाई गई। इस दौरान समस्त मेवाड़ा क्षत्रिय कलाल समाज बंधुओं ने अपने-अपने घरों व प्रतिष्ठानों पर आराध्य देव की विशेष पूजा अर्चना कर व्रत उपवास खोलें। मेवाड़ा क्षत्रिय कलाल समाज के युवा युवतियों के साथ समाज बंधुओं की उपस्थिति में मुख्य समारोह अम्बिका मंदिर परिसर में चातुर्मास पर विराजित संत मनसुख हिरापुरी महाराज की पावन निश्रा प्रातः 9 बजे आराध्य देव भगवान श्री सहस्त्रा बाहु अर्जुन की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्जवलित के बाद शुरू हुआ।अखिल भारत हिन्दू युवा मोर्चा के संयुक्त तत्वावधान मे आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में युवा युवतियों ने बडे ही उत्साह के साथ भाग लिया। समारोह को सम्बोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार नटवर मेवाड़ा ने बताया कि हर समाजबंधु को अपने आराध्यदेव की जयंति को श्रद्धा के साथ मनाते हुए दान-पुण्य करना चाहिए। राष्ट्रीय प्रचारक मेवाड़ा ने अपने आराध्यदेव की गाथा व इतिहास के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि क्षत्रिय धर्म की रक्षा और सामाजिक उत्थान के लिए समाजबंधुओ को उत्सव के रूप में यह जयंती हर्षोल्लास के साथ मनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान विष्णु के चौबीसवें अवतार सहस्त्राबाहु अर्जुन है,कार्तिक शुक्ल पक्ष की सप्तमी की जयंति पर हिन्दु धर्म संस्कृति के अनुसार हवन-पूजन व कथा श्रवण से हमें लाभ की प्राप्ति होती है। अखिल भारत हिन्दू युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष महावीर मेवाड़ा साण्डेराव ने कहा कि सहस्त्राबाहु अपने युग के एक मात्र राष्ट्र पुरूष एवं युग पुरूष ही नहीं बल्कि धर्मनिष्ठ व शौर्यवान थे उन्होने साक्षात भगवान के अवतार दत्रातेयजी को अपना गुरू माना और शिक्षा-दीक्षा ग्रहण की थी। हरिश ताराचंद कलाल ने कहा कि इस प्रकार धार्मिक आयोजनो से समाज में आपसी मेल-मिलाप के साथ प्रेमभाव बढता है,आज के समय में इस प्रकार के आयोजन गांव-गांव व शहर-शहर मे होने चाहिए, अपने आराध्यदेव की निःस्वार्थ भाव से की गई पूजा-अर्चना कभी निसफल नही होती है। इस दौरान आस-पास गांवों में बड़ी संख्या में समाज बंधुओं ने कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।