शिवगंज। आगामी 13 सितंबर काे कई वर्षाें बाद छावणी के छत्तीस काॅम की और से समदरिया हिलाेरने की रस्म निभाई जाएगी। रस्म की तैयारियाें काे लेकर शनिवार काे नियुक्त कमेठी द्वारा तालाब (डिग्गी नाड़ी) का निरीक्षण किया गया। नाड़ी पर पानी की व्यवस्था करने काे लेकर जेसीबी से धाेरा लगाया गया ताकि बारिश का पानी एक जगह एकत्रित हाे सके जिसमें समंदर हिलाेरने की रस्म निभाई जा सके। कमेटी अध्यक्ष पर हिम्मतमल कुमावत ने बताया कि समाराेह में पहले दिन 12 सितंबर रात में भजन संध्या आयाेजित हाेगी जिसमें ख्यातिनाम कलाकार भजनाें की प्रस्तुतियां देंगे। दूसरे दिन 13 सितंबर भादरवी दशम पर पारंपरिक पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक समंदर हिलाेरने की रस्म निभाई जाएगी। सवेरे महिलाओ द्वारा तालाब की परिक्रमा की जाएगी। उसके बाद साढे सात बजे से 11 बजे के बीच समदरिया हिलाेरने की रस्म हाेगी। जिसमें भाई बहन काे छुंदड़ी ओढ़ाकर रक्षा का वचन देगा ताे बहन भी भाई के लंबी उम्र की कामना करेगी। समदरिया हिलाेरने काे लेकर महिलाओ में खासा उत्साह देखने काे मिल रहा हैं। गाैरतलब है कि करीब 43 साल पहले डिग्गी नाड़ी पर समदरिया हिलाेरने की रस्म निभाई जाएगी। इस माैके पर कमेटी उपाध्यक्ष भंवर परमार, मंत्री मांगीलाल बाेराणा, पाेकरमल परमार, दिनेश परमार, सदस्य किस्तुरचंद परमार, शंकर बाेराणा, शंकरलाल कुमावत, बाबुलाल कुमावत, रमेश परमार, मांगीलाल, भगवानाराम प्रजापत, कांतिलाल परमार, नरपत परमार, प्रभुराम, छगन बाेराणा आदि माैजूद रहें।