*टोंक* सच्चाई को कितना भी दबाओ पर एक ना एक दिन वह सामने आ कर ही रहती है और कानून के हाथ सच में बहुत लम्बे होते हैं इस बात को जिला टोंक के वर्तमान सीजेएम कमल सोनी और शिकायतकर्ता हिन्दुस्तान शिवसेना के राष्ट्रीय प्रमुख तथा दिल्ली हाई कोर्ट के एडवोकेट राजेन्द्रसिंह तोमर राजा भईया ने साबित कर दिया है। मामला बीते चार वर्ष पुराना है जब टोंक जेल में बंदियों और उनके परिजनों से डरा धमका कर जेल के ही दमग कैदीयों द्वारा जेल प्रशासन की शह पर अवैध चौथ बसूली की जा रही थी तब उपरोक्त शिकायतकर्ता एडवोकेट राजा भईया ने उस समय टोंक जिला जेल में बंद अपने मित्र और मुबकिल सवाई माधोपुर निवासी शिवसेना नेता जितेंद्र सिंधी जीतू और अन्य बंदियों व उनके परिजनों से अवैध चौथ बसूली करने के मामले में कोर्ट के आदेश से एफआईआर संख्या 293/2020 भिन्न भिन्न भादस. की धाराओं में थाना कोतवाली टोंक में दर्ज कराई थी उस एफआईआर में तत्कालीन थाना टोंक के सीसीटीएनएस ऑपरेटर, जांच अधिकारी एएसआई प्रभुसिंह राजावत एवं थाना प्रभारी किशनलाल यादव की भूमिका संदिग्ध थी उन्होंने आरोपियों को लाभ पहुंचाने के लिए उनकी एफआईआर में काफी बड़े स्तर पर फेर बदल कर दी थी, और तमाम अक्षरो को ऊपर नीचे लिखते हुए टाइप कर दिया था जबकि कानून एवं नियमानुसार ऐसा किया जाना एक दम ग़लत तथा गैर कानूनी है जिससे पूरे मुकदममे का मजमून ही बदल गया था, आरोपियों ने इस पूरे मामले को जानबूझ कर दवाये रखा था इसकी सूचना तक संबंधित वरिष्ठ पुलिस अधिकारीयों को नहीं दी थी राजा भईया की शिकायतों पर ही एक अन्य प्रकरण भी जांच के बाद तत्कालीन आई जी जेल आलोक वशिष्ठ की अनुशंसा पर थाना कोतवाली टोंक में ही मु न.130/2021 भादस.की भिन्न भिन्न धाराओं में दर्ज कराया गया था। इस प्रकरण में जेल के तीन तत्कालीन कैदीयों व एक व्यापारी जेल कैंटीन माल सप्लायर को गिरफ्तार भी किया जा चूका है, इस बात की जानकारी होने पर उपरोक्त शिकायतकर्ता ने एक लिखित शिकायत दिनांक 21/09/2020 को आईजीपी अजमेर, पुलिस अधीक्षक टोंक एवं थाना प्रभारी थाना कोतवाली टोंक को की थी और उसके बाद कई रिमाइंडर पत्र भी संबंधित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भेजे थे परन्तु किसी ने कोई कार्यवाही नहीं की तो मजबूरन उन्होंने एक और इस्तगासा तत्कालीन सीजेएम कोर्ट टोंक के समक्ष दायर किया जिस पर कोर्ट ने सभी तथ्यों और दस्तावेजों का अवलोकन कर मामले को गम्भीर पाते हुए उपरोक्त आरोपी सभी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध एफसीआर दर्ज कर कार्यवाही करने के आदेश दिए जिस पर थाना कोतवाली टोंक में ही मु. स.416/2021, धारा 166 ए,167,218,409,405,466,201,120 बी, 34,भादस. के तहत दर्ज किया गया जिसकी जांच उस समय के मौजूदा पुलिस उप अधीक्षक सालेह मोहम्मद द्वारा की गई, परन्तु अपने स्टाफ के पुलिस कर्मियों को बचाते हुए उन्होंने भी इस प्रकरण में दिनांक 26/04/2023 को एक,एफ आर आदलत में यह कहते हुए पेश कर दी कि मामला मात्र टाइपिंग मिस्टेक का है। जिस पर हार ना मानते हुए एडवोकेट राजा भईया ने कोर्ट में एक प्रोटेस्ट पिटीशन नाराज़गी याचिका दायर की और तमाम एफआर की और जांच की कानूनी कमियों से अदालत को रूबरू कराया सभी दस्तावेजों,दायर एफआर, प्रोटेस्ट पिटीशन और एफआईआर की बारीकियों को देखते हुये एवं शिकायतकर्ता की सभी दलीलें सुनने के बाद वर्तमान सीजेएम टोंक कमल सोनी ने पुलिस द्वारा दायर एफआर को खारिज कर, शिकायतकर्ता के पक्ष में निर्णय देते हुऐ थाना कोतवाली टोंक के प्रभारी को निर्देशित किया कि वह पूरी पत्रावली को कोर्ट आदेश के साथ पुलिस अधीक्षक टोंक को प्रस्तुत करें और पुलिस अधीक्षक टोंक इस प्रकरण में पूर्व जांच अधिकारी से अनिम्न रेंक (पुलिस उप अधीक्षक से उच्च स्तर) के पुलिस अधिकारी से पुनः इस प्रकरण की जांच कराएं, और कोर्ट में आगमी सुनवाई पेशी दिनांक 27/02/2025 को नतीजा जांच रिपोर्ट पेश करें। आज पत्रकारों को अदालत के आदेश की सत्यप्रतियां देते हुऐ यह जानकारी स्वयं शिकायतकर्ता राजेंद्र सिंह तोमर राजा भईया ने दी, अब देखना होगा कि अगली यह जांच कितनी निष्पक्ष और सटीक अदालत में पेश की जाती हैं और क्या इस प्रकरण में आरोपी पुलिस कर्मियों को सजा मिल पाएगी या उन्हें फिर से बचाया जाएगा, कुछ भी हो यह तो मानना ही पड़ेगा कि अपराधी कितना भी बड़ा और रसूखदार क्यों ना हो वह कानून से बच नहीं सकता। राजेन्द्रसिंह तोमर राजा भईया एडवोकेट दिल्ली हाई कोर्ट एवं राष्ट्रीय प्रमुख हिन्दुस्तान शिवसेना