अमृता हाट (मेला) परवान पर तीसरे दिन भी हुई उत्पादों की बिक्री,काफी संख्या में पहुंचे लोग
पाली /पाली शहर में बांगड़ स्कूल में 2 से 8 जनवरी 2025 तक आयोजित हो रहे अमृता हाट के तीसरे दिन राज्य के विभिन्न जिलों से स्वयं सहायता समूह द्वारा निर्मित विभिन्न उत्पादों की विभिन्न स्टाल्स लगाई गई है। मेले में जिले भर से काफी संख्या में लोग पहुंचकर जमकर खरीददारी कर रहे है।
महिला अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक भागीरथ चौधरी ने बताया कि शनिवार को मेले के तृतीय दिन लगभग 2.50 लाख के उत्पादों की बिक्री हुई। ग्राहकों द्वारा न्यूनतम 500 रुपये मूल्य की सामग्री की खरीददारी पर कूपन जारी करने की व्यवस्था है। लाटरी द्वारा कूपन निकाल कर प्रथम, द्वितीय, तृतीय विजेता ग्राहक को 500,400,300 रुपये की सामग्री की खरीददारी विभाग के स्तर से निःशुल्क करवाई जाती है।
उन्होंने बताया कि मेले के तीसरे दिन अमृता हॉट का राज्य महिला आयोग सदस्य श्रीमती सुमित्रा जैन द्वारा अवलोकन किया गया। आयोग सदस्य सुमित्रा जैन ने घरेलू हिंसा के आने वाले मामलों पर अपने विचार रखें और जिसमे उन्होंने बताया कि सत्यापन के आधार पर महिला आयोग ने कार्रवाई करके महिलाओं को न्याय दिलवाया। महिला आयोग सदस्य ने कहा कि हर महान इंसान को एक महिला ही जन्म देती है और इसलिए हर महिला को उचित और सम्मानित जीवन मिलना चाहिए।
इसी प्रकार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरेंद्र देवड़ा ने राज कॉप सिटिजन एप के बारे में आए हुए हैं विद्यार्थियों को विस्तृत जानकारी दी जिसमें कोई भी महिला पैनिक बटन दबाकर पुलिस विभाग से तुरंत सहायता प्राप्त कर सकती है।अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री जय सिंह तंवर QIDT ने भी अमृता हाट का अवलोकन किया।
विभाग द्वारा मेले में प्रतिदिन कोई ना कोई प्रतियोगिता आयोजित होती है इस क्रम में आज मेले में विभाग से प्रियंका व्यास, देवी बामणिया व इंदु बाला के सहयोग से मेलार्थियों के लिए मेहंदी प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमे प्रथम स्थान हिरल प्रजापति, द्वितीय संजू मंडिया च तृतीय कांता सोनी ने प्राप्त किया। कल के लिए रंगोली व अन्य प्रतियोगिता रखी गई है।
संध्याकालीन कार्यक्रम में आज एस एच जी के भंवर देवी उदयपुर ने गरीब महिलाओं को कैसे रोजगार दिलवाया इसके अपने अनुभव साझा किए। साथ ही एस एच जी की अन्य महिलाओं द्वारा नृत्य, संगीत की प्रस्तुति की गई। उपनिदेशक भागीरथ ने बताया कि महिला का उद्देश्य समूह को सुदृढ करना है ताकि वे उच्च गुणवतायुक्त वस्तुओं का निर्माण कर सके एवं प्रतिस्पर्धात्मक बाजार में अपने उत्पादों की पहचान कायम कर सके।