*जिला मजिस्ट्रेट मंत्री ने लगाई निषेधाज्ञा*
पाली। पाली जिले की सीमा में मकर सक्रान्ति पर्व, 2025 पर पतंगबाजी के लिए धातुओं के मिश्रण से निर्मित मांझा प्रयुक्त किए जाने पर जिला मजिस्ट्रेट एल एन मंत्री ने रोक लगाई हैं।जिला मजिस्ट्रेट ने आदेश जारी धातुओं से निर्मित मांझे पर रोक लगाई। मांझा विभिन्न धातुओं के मिश्रण के प्रयोग से तैयार किया जाता है, जो पतंग के पेच लड़ाने में अधिक कारगर होता है। इस कारण से इसका प्रयोग अधिक किया जाने लगा है। मांझा विभिन्न धातुओं के मिश्रण से निर्मित होने से धारदार तथा विद्युत का सुचालक भी होता है। जिसके उपयोग के दौरान, दुपहिया वाहन चालकों तथा पक्षियों को अत्याधिक जान-माल का नुकसान होना संभाव्य है। साथ ही विद्युत सुचालक होने के कारण विद्युत तारों के सम्पर्क में आने पर विद्युत प्रवाह होने से पंतग उड़ाने वाले को भी नुकसान पहुँचना एवं विद्युत सप्लाई में बाधा उत्पन्न होने की भी संभावना बनी रहती है।
उन्होंने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय राजस्थान खण्डपीठ, जयपुर द्वारा डी.बी. सिविल रिट पिटीशन (पी. आई.एल) संख्या 15793/2011 महेश अग्रवाल बनाम राज्य एवं अन्य में जारी दिशा निर्देश दिनांक 22 अगस्त 2012 एवं माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, नई दिल्ली द्वारा प्रकरण संख्या 384/2016 Khalid Ashraf & Anr. Vs. Union of India & Ors. में पारित आदेश दिनांक 14 दिसम्बर 2016 में भी पतंग उड़ाने के लिए उपरोक्त हानिकारक सामग्री से बने धागे के उपयोग की अनुमति नहीं दी गई है।
इस समस्या व खतरे के निवारण, जन स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं मानव, पशु पक्षियों की जान के खतरे तथा विद्युत प्रसारण को बाधा रहित बनाये रखने हेतु “धातु निर्मित मांझा” (पंतग उड़ाने के लिये पक्का धागा, नायलोन / प्लास्टिक मांझा, चाईनीज मांझा जो सिंथेटिक / टोक्सीक मेटेरियल दथा आयरन पाउडर, ग्लास पाउडर का बना हो) के उपयोग एवं विक्रय को निषेध किया जाना आवश्यक है।
जिला मजिस्ट्रेट ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए जन स्वास्थ्य व विद्युत संचालन वाधारहित बनाएं रखने एवं पक्षियों के लिये बडे पैमाने पर खतरा बन चुके “धातु निर्मित मांझा” (पतंग उड़ाने के लिये पक्का धागा, नायलोन/प्लास्टिक मांझा, चाईनीज मांझा जो सिंथेटिक/टोक्सीक मेटेरियल यथा आईरन पाउडर, ग्लास पाउडर का बना हो) की थोक एवं खुदरा बिक्री तथा उपयोग पाली जिले की राजस्व सीमा/क्षेत्राधिकारिता में निषेध / प्रतिबंधित किये जाने का आदेश देता हूँ। साथ ही आमजन के लिए यह भी निषेध किया जाता है कि पक्षियों को नुकसान से बचाने के लिए प्रातः 06.00 से 08. 00 बजे तथा सायं 05.00 से 07.00 बजे की समयावधि में पतंगबाजी पर भी प्रतिबंध रहेगा। एक पक्षीय आदेश जारी किया जाकर सर्व साधारण को पाली जिले के प्रमुख स्थानों पर इस आदेश को चस्पा कर, ध्वनी प्रसार यंत्रों एवं सामाचार पत्रों के माध्यम से प्रचार-प्रसार कर नागरिकों को सूचित किया जायें। यह आदेश आज मध्यरात्रि से लागु होकर दिनांक 20 जनवरी, 2025 तक प्रभावी रहेगा।
निषेधाज्ञा की अवहेलना या उल्लंघन किए जाना पाया जाने पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत दोषी व्यक्ति को दण्डित करवाया जा सकेगा।