संजीव के लिए हरे पेड़ पौधे ज़िन्दगी देते हैं, तों सुखे विशाल पेड़ जान भी ले सकते हैं
प्रशासन किसी बड़े हादसे का कर रहा है इंतजार
सुमेरपुर संजीव के लिए हरे भरे पेड़-पौधे जिदगी देते हैं, तो सूखे पेड़ जान भी ले सकते हैं। सुमेरपुर उपखंड क्षेत्र से गुज़र रहें जवाई बांध रोड़ के दोनो किनारों पर विशाल निम के पेड़ जो सुख चुके है वो विशाल निम के पेड़ आज यमराज बनकर रोड़ के दोनो किनारों पर खड़े हैं। एक समय था कि यही सुखे निम के पेड़ में हरे-भरे दिखाई देते थे। लेकिन समय गुजरने के साथ हरे-भरे निम के पेड़ आज़ सुखकर यमराज बनकर जवाई बांध रोड़ पर खड़े हैं। चक्रवर्ती बिपरजोय तुफान में भी बापू आसाराम आश्रम के पास से गुज़र रहें जवाई बांध रोड़ पर तीन निम के पेड़ हवा से रोड़ पर गिरकर कुछ घंटों के लिए जवाई बांध रोड़ पर यातायात बंधित हुआ था। जवाई बांध पर्यटक स्थान होने से सुमेरपुर उपखंड क्षेत्र सहित आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले लोग, यहां तक कि जोधपुर, पाली, जालोर ओर विदेशों से आने वाले पर्यटकों को इसी जवाई बांध रोड़ पर यमराज बनकर खड़े विशाल निम के सुखे पेड़ों के निचे गुजरना होता है। मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है। सुमेरपुर उपखंड सहित आस-पास के क्षेत्रों में बारिश रिमझिम तों कभी मुसलाधार बारिश तेज हवाओं के साथ हुई थी। 31 अगस्त को भी आसमान में घनघोर बादल छाए हुए थे, लेकिन 5 बजें के बाद बारिश के साथ हवाओं का दोर शुरू हुआ, इन हवाओं के साथ जवाई बांध रोड़ पर विशाल निम के पेड़ सुखे पेड़ जो यमराज बनकर खड़े है। किसी भी समय धराशाई हो सकतें है। अगर यही सुखे निम के पेड़ अगर किसी वाहन पर गिरते हैं तों बड़ी घटना घटित हो सकतीं हैं। सुमेरपुर उपखंड स्थित स्कुलो में बच्चों को लाने के लिए स्कुल वाहन भी इनही सुखे निम के पेड़ों के निचे से गुजरते हैं या तक कि आमजन भी पैदल सफर करते हैं ओर यहां तक कि इसी रोड पर लोग मॉर्निंग वॉक पर भी निकलते हैं।
बारिश के मौसम में इन सूखे पेड़ों के गिरने का खतरा प्रबल हो जाता है। बावजूद इसके जिम्मेदार विभाग इन्हें कटवाने को लेकर संवेदनशील नहीं दिख रही। सबकुछ देखकर भी कर रहे अनदेखा लोगों की मानें तो मौसम के मिजाज के मुताबिक चलने वाली तेज हवा से ये पेड़ कभी भी धराशायी हो सकते हैं। हवा चलने से इन सूखे पेड़ों के कारण कभी भी कोई बड़ा हादसा घटित हो सकता है। ये पेड़ कभी भी सड़क पर गिर सकते हैं, जिससे सड़क पर आने-जाने वाले राहगीरों, स्कुल बस, निजी वाहन, कोमरशियल वाहन ओर पर्यटकों के साथ किसी भी समय बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती है।
इसे आप अधिकारियों की अनदेखी या फिर लापरवाही भी कह सकते हैं अधिकारियों के अनदेखी के चलते बड़ा हादसा गणित हो सकता है