सिरोही जिला की सीमा से गुजरात में शराब तस्करी को लेकर गृह सचिव के जांच के निर्देश

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पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने शराब तस्करी को लेकर एक्स पर की पोस्ट

सिरोही, जयपुर। राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग आनंद कुमार ने सिरोही जिले से गुजरात में शराब तस्करी के मामले की जांच के लिए पुलिस महानिदेशक यू आर शाहू को निर्देश दिए।

 

पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने आबूरोड के नजदीक गुजरात के अमीरगढ़ में शराब का जखीरा पकड़े जाने की घटना को लेकर सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर ट्वीट के जरिए ध्यान आकर्षित किया था।लोढ़ा ने 15 दिन पूर्व पुलिस मुख्यालय जयपुर में पुलिस महानिदेशक यू आर शाहू से व्यक्तिगत मिलकर इस और ध्यान दिलाया था। लोढ़ा ने अपनी पोस्ट में लिखा हैं कि हरियाणा के रोहतक, गुड़गांव, करनाल, पानीपत और फरीदाबाद में सस्ती शराब का उत्पादन जमकर होता है। यहाँ भाजपा की सरकार है। इस वैध किंतु सस्ती शराब को खरीदकर लोग गुजरात ले जाते हैं और बहुत महंगे दामों पर बेचकर शराब की तस्करी करते हैं।

 

यह सारी शराब राजस्थान के रास्तों से निकलती है। इस राज्य में भाजपा की सरकार है। यह भाजपा शासित गुजरात में जाती है और तबाही मचाती है। यहाँ भी भाजपा की ही सरकार है। तो सवाल ये है कि ये खेल क्या है?

 

लोढ़ा ने लिखा हैं कि सवाल ये भी है कि यह हरियाणा के जिन जिलों से होकर राजस्थान में आती है तो उसे शुरू में ही क्यों नहीं रोका जाता? मान लिया कि हर ट्रक को वहाँ नहीं रोका जा सकता तो सवाल ये है कि गुजरात की सरहद से सटे जिले सिरोही में इन्हें क्यों छोड़ दिया जाता है? सिरोही जिले की सीमा से गुजरात में ट्रकों के जरिए शराब बेरोकटोक जाती है। शराब तस्करी सिरोही जिले की पुलिस से कैंसर की भांति चिपक गई है। हैरानी ये है कि देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के गृह राज्य में इस तरह शराब की तस्करी हो रही है और सिरोही की पुलिस जान बूझकर यह होने दे रही है, तो इसकी वजह क्या है? शराब तस्करी का यह मामला पहले भी खूब चर्चा में रहा है। एसपी से लेकर पुलिस निरीक्षक तक गुजरात में शराब तस्करी के मामले में लिप्त प्रमाणित हुए हैं।

 

लोढ़ा ने लिखा हैं कि हरियाणा निर्मित शराब अगर हरियाणा और राजस्थान के रास्तों से होकर गुजरात पहुंच रही है तो यह बहुत हैरानीजनक लगता है। एक ही पार्टी की तीनों जगह सरकार और ये हाल? हरियाणा से राजस्थान आए तो कोई नहीं पकड़े और राजस्थान में भी उस सिरे से गुजरात बॉर्डर आए तो भी कोई कार्रवाई नहीं। लेकिन जैसे ही बॉर्डर क्रॉस करे, ट्रक के ट्रक पकड़ लिए जाएं। ये खेल क्या है?

क्या यह तस्करी भाजपा की सरकारों के संरक्षण में हो रही है और यदि नहीं तो दस-दस बीस-बीस पेटी के छोटे गुर्गों को पकड़कर आबकारी अधिनियम के तहत खानापूर्ति क्यों की जा रहा है? और क्यों कोई बड़ा ट्रक सिरोही जिले की सीमा में नहीं पकड़ा जा रहा, जबकि लगातार गुजरात की सीमा में न केवल शराब के ट्रक पकड़े जा रहे हैं, बल्कि शराब के कुख्यात तस्कर भी महीनों हवालात में बंद किए जा रहे हैं?

 

लोढ़ा लिखा हैं गुजरात सीमा से सटे सिरोही जिले के गाँवों में शराब की 250 से अधिक दुकानें बिना बोर्ड संचालित हैं और हैरानजनक बात ये है कि इनका आबकारी विभाग से कोई लाइसेंस या अनुमोदन नहीं है। यह सब खेल किसके संरक्षण में हो रहा है? यह कोई हवाई या कही सुनी बात नहीं है। गुजरात के बनासकांठा जिले के अमीरगढ़ में अभी शराब का जखीरा पकड़ा गया था। एक ट्रक से 580 कार्टन शराब मिली यानी यह करीब 35 लाख रुपए की अवैध शराब थी। गुजरात पुलिस ने दो तस्करों को पकड़ा था। यहाँ भी सवाल है कि आबूरोड रीको और आबूरोड सदर थाना पुलिस क्यों मूकदर्शक बनी रहीं। आखिर इस शराब तस्करी की लाइन पर पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं करती? सवाल ये है कि कार्रवाई नहीं हो रही तो इस अवैध शराब का नशा कहाँ तक जारी है?

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Author: 1st Bharat News

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